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"सपना जो नहीं होता / नंदकिशोर आचार्य" के अवतरणों में अंतर

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सपने में ही जीना
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जिऊँ चाहे सपने-सा
 
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सच तुम ही हो मेरा
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30 मई, 2009
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10:18, 28 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

झूठा है वह सच
सपना नहीं जो होता—
सपने में ही जीना
सपने को चाहे सच होना है उसका

झूठ को जियो कितना ही
सच नहीं होता वह

जिऊँ चाहे सपने-सा
तुम्हें
सच तुम ही हो मेरा ।

30 मई, 2009