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"बच्चे वापस लौटेंगे / स्वप्निल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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08:29, 7 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
- [बच्चों के हत्यारे बोकासा (मध्य अफ़्रीका) पर]
बादशाह
बच्चों का हत्यारा है
उसके हाथ ख़ून से लाल हैं
महल की दीवारों पर ख़ून के छींटे हैं
सिंहासन पर बच्चों के पैरों के निशान
बच्चे मरेंगे नहीं
देश की कोख से पुन: पैदा होंगे
और खड़े हो जाएंगे अत्याचर के ख़िलाफ़
बच्चे धागेंगे आततायी बादशाह का महल
बच्चे वापस लौटेंगे
बच्चे फूल की तरह खिलेंगे
बच्चे उठेंगे तानाशही के ख़िलाफ़
हत्यारों के ख़िलाफ़
बच्चे बारूद की तरह पैदा होंगे
वे फूटेंगे ठीक बादशाह के सिंहासन के नीचे
बच्चे खेल-खेल में
पटक देंगे बादशाह को
वह ज़मीन से कभी नहीं उठ पाएगा
बच्चे जितने निर्दोष हैं
उतने ही शक्तिशाली
दुनिया का कोई भी तानाशाह
बच्चों से बड़ा नहीं है