"सदस्य:Nlshraman" के अवतरणों में अंतर
(Motivation) |
(→बुड्ढा होगा तेरा बाप) |
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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तब नौकर था अब मालिक हूँ, तब तेरा था अब मेरा है। | तब नौकर था अब मालिक हूँ, तब तेरा था अब मेरा है। | ||
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अंधियार हटा आया प्रकाश, अब साँझ नहीं सबेरा है॥ | अंधियार हटा आया प्रकाश, अब साँझ नहीं सबेरा है॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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आयु काल व अंत हीन, यह अचेतन मेरा चेतन है। | आयु काल व अंत हीन, यह अचेतन मेरा चेतन है। | ||
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श्वेत केश अनुभवी साठ, यह अनुभव ही मेरा वेतन है॥ | श्वेत केश अनुभवी साठ, यह अनुभव ही मेरा वेतन है॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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दुनिया के जितने बड़े काम,सबने साठ के बाद किये। | दुनिया के जितने बड़े काम,सबने साठ के बाद किये। | ||
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न्यूटन, सुकरात, विनोबा, गांधी , तभी तो हैं आज जिये॥ | न्यूटन, सुकरात, विनोबा, गांधी , तभी तो हैं आज जिये॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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जीवन वर्षों की उड़ान नहीं, लहराये जवानी सरसों में। | जीवन वर्षों की उड़ान नहीं, लहराये जवानी सरसों में। | ||
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तुम जोड़ो वर्षों को जीवन में,हम जीवन को जोड़े वर्षों में॥ | तुम जोड़ो वर्षों को जीवन में,हम जीवन को जोड़े वर्षों में॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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अनंत जीवन के हम बच्चे, जो अंतकाल को न जाने। | अनंत जीवन के हम बच्चे, जो अंतकाल को न जाने। | ||
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अमरत्व नित्यता मुझ में है, हम डरना मरना क्या जाने॥ | अमरत्व नित्यता मुझ में है, हम डरना मरना क्या जाने॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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स्वागत है आगत वर्षों का, दुनिया को मेरी जरूरत है। | स्वागत है आगत वर्षों का, दुनिया को मेरी जरूरत है। | ||
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खोजोगे तुम भी रोज मुझे ऐसी ही मेरी सूरत है॥ | खोजोगे तुम भी रोज मुझे ऐसी ही मेरी सूरत है॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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माना कि हम कल ना होंगे, पर गीत हमारा गायेंगे। | माना कि हम कल ना होंगे, पर गीत हमारा गायेंगे। | ||
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हम खायें या ना खायें , पर फल वृक्ष लगाकर जायेंगे॥ | हम खायें या ना खायें , पर फल वृक्ष लगाकर जायेंगे॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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हम आश्चर्यजनक हैं लाठी छूटेगी, पर गाँठ न टूटेगी। | हम आश्चर्यजनक हैं लाठी छूटेगी, पर गाँठ न टूटेगी। | ||
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हम खास ही हैं टूट जायेगी साँस पर आस न छूटेगी॥ | हम खास ही हैं टूट जायेगी साँस पर आस न छूटेगी॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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+ | घर बैठ निराश हताश अगर,अपना जीवन खो देगा। | ||
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तैरती है लाश सतह पर जो जिन्दा है वह डूबेगा।। | तैरती है लाश सतह पर जो जिन्दा है वह डूबेगा।। | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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+ | जीवन में रुची बढ़ेगी जब स्मृति गुरू पट खोलेगा। | ||
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मिल जाये मुर्दा एक बार वह भी उठकर बोलेगा ॥ | मिल जाये मुर्दा एक बार वह भी उठकर बोलेगा ॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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द्रोणाचार्य दधीचि है हम, हमने तुम्हें सिखाया चलना। | द्रोणाचार्य दधीचि है हम, हमने तुम्हें सिखाया चलना। | ||
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क्या कहते हो कौन है हम, जब सीख चुके पलना बढ़ना॥ | क्या कहते हो कौन है हम, जब सीख चुके पलना बढ़ना॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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गुरु हैं हम आचार्य हैं हम, तुम तो निबल निरक्षर थे। | गुरु हैं हम आचार्य हैं हम, तुम तो निबल निरक्षर थे। | ||
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भूल गये वह दिन जब, हमने सिखाए अक्षर थे॥ | भूल गये वह दिन जब, हमने सिखाए अक्षर थे॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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क ख ग घ न जानो , अक्षर भैंस बराबर काला था। | क ख ग घ न जानो , अक्षर भैंस बराबर काला था। | ||
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पाटी बस्ता पोथी लेकर हमने ही भेजा शाला था॥ | पाटी बस्ता पोथी लेकर हमने ही भेजा शाला था॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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तुम्हें समय का ज्ञान नहीं, समय कभी नहीं रुकेगा। | तुम्हें समय का ज्ञान नहीं, समय कभी नहीं रुकेगा। | ||
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आज जहाँ पर हम हैं खड़े,तेरा सिर यहीं झुकेगा॥ | आज जहाँ पर हम हैं खड़े,तेरा सिर यहीं झुकेगा॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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प्रेम, हर्ष, धैर्य, शान्ति, इन सबकी महिमा क्या जानो। | प्रेम, हर्ष, धैर्य, शान्ति, इन सबकी महिमा क्या जानो। | ||
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उच्च शिखर पर मेरा आसन तुम भद्र पुरुष को क्या जानों। | उच्च शिखर पर मेरा आसन तुम भद्र पुरुष को क्या जानों। | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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तुम क्या जानों मुझ में क्या हैं , शिष्य कभी तो बने नहीं। | तुम क्या जानों मुझ में क्या हैं , शिष्य कभी तो बने नहीं। | ||
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अभी जान लो धन, छल, रूप यौवन अधिकार टिके नहीं। | अभी जान लो धन, छल, रूप यौवन अधिकार टिके नहीं। | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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सब तीरथों का तीरथ अनुभव, हमने सीखा कहाँ कहाँ। | सब तीरथों का तीरथ अनुभव, हमने सीखा कहाँ कहाँ। | ||
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विद्या का हमको मद है हम मदमस्त हैं , ये सारा मेरा जहाँ॥ | विद्या का हमको मद है हम मदमस्त हैं , ये सारा मेरा जहाँ॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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तू क्या समझे इस जिह्वा में किस शास्त्र धर्म की वाणी है। | तू क्या समझे इस जिह्वा में किस शास्त्र धर्म की वाणी है। | ||
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कण कण में मेरे अनुभव है ना समझो ये अनाड़ी है॥ | कण कण में मेरे अनुभव है ना समझो ये अनाड़ी है॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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ये देख मेरे अनुभवी हाथ , कृपाण लेखनी बनते हैं। | ये देख मेरे अनुभवी हाथ , कृपाण लेखनी बनते हैं। | ||
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छू लू मैं जिस कागज को , पारस बन स्वर्ण उगलते हैं॥ | छू लू मैं जिस कागज को , पारस बन स्वर्ण उगलते हैं॥ | ||
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पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप…… | ||
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माली बन तुझको सींचां है, ये हरियाली उपजी हमसे है। | माली बन तुझको सींचां है, ये हरियाली उपजी हमसे है। | ||
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डाल दृष्टि चहुँ ओर हरा मैं तुझसे नहीं तू हमसे है॥ | डाल दृष्टि चहुँ ओर हरा मैं तुझसे नहीं तू हमसे है॥ | ||
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+ | एन एल श्रमण की मूल रचना " forget forgetting" से |
20:58, 28 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
बुड्ढा होगा तेरा बाप
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
तब नौकर था अब मालिक हूँ, तब तेरा था अब मेरा है।
अंधियार हटा आया प्रकाश, अब साँझ नहीं सबेरा है॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
आयु काल व अंत हीन, यह अचेतन मेरा चेतन है।
श्वेत केश अनुभवी साठ, यह अनुभव ही मेरा वेतन है॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
दुनिया के जितने बड़े काम,सबने साठ के बाद किये।
न्यूटन, सुकरात, विनोबा, गांधी , तभी तो हैं आज जिये॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
जीवन वर्षों की उड़ान नहीं, लहराये जवानी सरसों में।
तुम जोड़ो वर्षों को जीवन में,हम जीवन को जोड़े वर्षों में॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
अनंत जीवन के हम बच्चे, जो अंतकाल को न जाने।
अमरत्व नित्यता मुझ में है, हम डरना मरना क्या जाने॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
स्वागत है आगत वर्षों का, दुनिया को मेरी जरूरत है।
खोजोगे तुम भी रोज मुझे ऐसी ही मेरी सूरत है॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
माना कि हम कल ना होंगे, पर गीत हमारा गायेंगे।
हम खायें या ना खायें , पर फल वृक्ष लगाकर जायेंगे॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
हम आश्चर्यजनक हैं लाठी छूटेगी, पर गाँठ न टूटेगी।
हम खास ही हैं टूट जायेगी साँस पर आस न छूटेगी॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
घर बैठ निराश हताश अगर,अपना जीवन खो देगा।
तैरती है लाश सतह पर जो जिन्दा है वह डूबेगा।।
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
जीवन में रुची बढ़ेगी जब स्मृति गुरू पट खोलेगा।
मिल जाये मुर्दा एक बार वह भी उठकर बोलेगा ॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
द्रोणाचार्य दधीचि है हम, हमने तुम्हें सिखाया चलना।
क्या कहते हो कौन है हम, जब सीख चुके पलना बढ़ना॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
गुरु हैं हम आचार्य हैं हम, तुम तो निबल निरक्षर थे।
भूल गये वह दिन जब, हमने सिखाए अक्षर थे॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
क ख ग घ न जानो , अक्षर भैंस बराबर काला था।
पाटी बस्ता पोथी लेकर हमने ही भेजा शाला था॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
तुम्हें समय का ज्ञान नहीं, समय कभी नहीं रुकेगा।
आज जहाँ पर हम हैं खड़े,तेरा सिर यहीं झुकेगा॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
प्रेम, हर्ष, धैर्य, शान्ति, इन सबकी महिमा क्या जानो।
उच्च शिखर पर मेरा आसन तुम भद्र पुरुष को क्या जानों।
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
तुम क्या जानों मुझ में क्या हैं , शिष्य कभी तो बने नहीं।
अभी जान लो धन, छल, रूप यौवन अधिकार टिके नहीं।
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
सब तीरथों का तीरथ अनुभव, हमने सीखा कहाँ कहाँ।
विद्या का हमको मद है हम मदमस्त हैं , ये सारा मेरा जहाँ॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
तू क्या समझे इस जिह्वा में किस शास्त्र धर्म की वाणी है।
कण कण में मेरे अनुभव है ना समझो ये अनाड़ी है॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
ये देख मेरे अनुभवी हाथ , कृपाण लेखनी बनते हैं।
छू लू मैं जिस कागज को , पारस बन स्वर्ण उगलते हैं॥
पहले आप पहले आप, बुड्ढा होगा तेरा बाप……
माली बन तुझको सींचां है, ये हरियाली उपजी हमसे है।
डाल दृष्टि चहुँ ओर हरा मैं तुझसे नहीं तू हमसे है॥
एन एल श्रमण की मूल रचना " forget forgetting" से