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बेशर्म कहानियां / मनोज श्रीवास्तव
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10:11, 9 नवम्बर 2011
खुफिया कहानियां
हर डगर, हर पहर पर
बांहें फ़ैलाए--
सैकडों
सैकड़ों
-हजारों,
सीने से भेंटने
अनचाहे मिल जाती हैं,
Dr. Manoj Srivastav
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