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"पाँच जोड़ बाँसुरी / ठाकुरप्रसाद सिंह" के अवतरणों में अंतर
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पर्वत के पार से बजाते तुम बाँसुरी | पर्वत के पार से बजाते तुम बाँसुरी | ||
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पाँच जोड़ बाँसुरी | पाँच जोड़ बाँसुरी | ||
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वंशी स्वर उमड़-घुमड़ रो रहा | वंशी स्वर उमड़-घुमड़ रो रहा | ||
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मन उठ चलने को हो रहा | मन उठ चलने को हो रहा | ||
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00:22, 20 मार्च 2011 के समय का अवतरण
पाँच जोड़ बाँसुरी
बासन्ती रात के विह्वल पल आख़िरी
पर्वत के पार से बजाते तुम बाँसुरी
पाँच जोड़ बाँसुरी
वंशी स्वर उमड़-घुमड़ रो रहा
मन उठ चलने को हो रहा
धीरज की गाँठ खुली लो लेकिन
आधे अँचरा पर पिय सो रहा
मन मेरा तोड़ रहा पाँसुरी
पाँच जोड़ बाँसुरी