भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मैं वंशी / ठाकुरप्रसाद सिंह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ठाकुरप्रसाद सिंह |संग्रह=वंशी और मादल / ठाकुरप्रसाद स...)
 
 
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
  
 
मैं वंशी
 
मैं वंशी
 +
  
 
माँ हमारी दूध का तरु
 
माँ हमारी दूध का तरु

13:47, 25 सितम्बर 2007 के समय का अवतरण

मैं वंशी


माँ हमारी दूध का तरु

बाप बादल

औ' बहन हर बोल पर

बजती हुई मादल


उतर आ हँसी

कि मैं वंशी