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"बारिश / सुधीर सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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तुम मेरी उँगलियों से
 
तुम मेरी उँगलियों से
 
और मैं तुम्हारी उँगलियों से
 
और मैं तुम्हारी उँगलियों से
छुऊँ बारिश्की बूँद
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छुऊँ बारिश की बूँद
 
देखो ! चमक रही है बिजली
 
देखो ! चमक रही है बिजली
 
सुनो ! गरज रहे हैं मेघ
 
सुनो ! गरज रहे हैं मेघ
 
औचक किसी भी पल झर सकती हैं बूँदें  
 
औचक किसी भी पल झर सकती हैं बूँदें  
 
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13:31, 8 फ़रवरी 2012 के समय का अवतरण

इस साल भी
बारिश आएगी
बरसेंगे मेघ
चाहता हूँ इस साल
तुम मेरी उँगलियों से
और मैं तुम्हारी उँगलियों से
छुऊँ बारिश की बूँद
देखो ! चमक रही है बिजली
सुनो ! गरज रहे हैं मेघ
औचक किसी भी पल झर सकती हैं बूँदें