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"हाइकु / कुँअर बेचैन" के अवतरणों में अंतर
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+ | घने बादल । | ||
− | + | तटों के पास | |
− | + | नौकाएं तो हैं,किन्तु | |
− | + | पाँव कहाँ हैं? | |
− | + | ज़मीन पर | |
− | + | बच्चों ने लिखा'घर' | |
− | + | रहे बेघर । | |
− | + | रहता मौन | |
− | + | तो ऐ झरने तुझे | |
− | + | देखता कौन? | |
− | + | चिड़िया उड़ी | |
− | + | किन्तु मैं पींजरे में | |
− | + | वहीं का वहीं ! | |
− | + | ओ रे कैक्टस | |
− | + | बहुत चुभ लिया | |
− | + | अब तो बस | |
− | + | आपका नाम | |
− | + | फिर उसके बाद | |
− | + | पूर्ण विराम! | |
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14:34, 9 मई 2012 के समय का अवतरण
जल चढ़ाया
तो सूर्य ने लौटाए
घने बादल ।
तटों के पास
नौकाएं तो हैं,किन्तु
पाँव कहाँ हैं?
ज़मीन पर
बच्चों ने लिखा'घर'
रहे बेघर ।
रहता मौन
तो ऐ झरने तुझे
देखता कौन?
चिड़िया उड़ी
किन्तु मैं पींजरे में
वहीं का वहीं !
ओ रे कैक्टस
बहुत चुभ लिया
अब तो बस
आपका नाम
फिर उसके बाद
पूर्ण विराम!