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"करवा चौथ / हरकीरत हकीर" के अवतरणों में अंतर

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दिल के फासलों के दरम्याँ
 
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उसकी लम्बी उम्र का दिया ।
 
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यह भी औरत की कैसी मज़बूरी है  
 
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कि जो दर्द देता है ,  
 
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मन से उसी के लिए  
 
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दुआ निकलती है
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21:09, 31 मार्च 2012 के समय का अवतरण


वह फिर जलाती है
दिल के फासलों के दरम्याँ
उसकी लम्बी उम्र का दिया ।

यह भी औरत की कैसी मज़बूरी है कि जो दर्द देता है , मन से उसी के लिए दुआ निकलती है