"हत्यारा / लीलाधर जगूड़ी" के अवतरणों में अंतर
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार = लीलाधर जगूड़ी }} {{KKCatKavita}} <poem> हत्यारा...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार = लीलाधर जगूड़ी | |रचनाकार = लीलाधर जगूड़ी | ||
+ | |संग्रह=अनुभव के आकाश में चाँद / लीलाधर जगूड़ी ; चुनी हुई कविताएँ / लीलाधर जगूड़ी | ||
}} | }} | ||
{{KKCatKavita}} | {{KKCatKavita}} | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 22: | ||
देने को हैं कई जलसे कई समारोह | देने को हैं कई जलसे कई समारोह | ||
− | कई व्यवस्था- विरोध और कई शोक- | + | कई व्यवस्था- विरोध और कई शोक-सभाए |
मगर अब तो वह विचार भी देने लगा है | मगर अब तो वह विचार भी देने लगा है | ||
पंक्ति 27: | पंक्ति 28: | ||
पहले विचार की हत्या के साथ | पहले विचार की हत्या के साथ | ||
− | + | हत्यारा चाहता है तमाम सुंदर और मजबूत विचार | |
हत्याओं के बारे में | हत्याओं के बारे में |
21:10, 13 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
हत्यारा पहने हुए है सबसे महंगे कपड़े
हत्यारे के सारे दांत सोने के हैं पर आंते पैदायशी
हत्यारे के मुंह में जीभ चमड़े की पर चम्मच चांदी का है
हत्यारे का पांव घायल मगर जूता लोहे का
हाथ हड्डी के मगर दस्ताने प्लेटिनम के हैं
हत्यारे के पास करने के लिए हैं कई वारदातेकं
कई दुर्घटनायें
देने को हैं कई जलसे कई समारोह
कई व्यवस्था- विरोध और कई शोक-सभाए
मगर अब तो वह विचार भी देने लगा है
पहले विचार की हत्या के साथ
हत्यारा चाहता है तमाम सुंदर और मजबूत विचार
हत्याओं के बारे में
वह चाहता है जितने भी सुंदर और मजबूत विचार हों
सब उसी के हों
वह फेंके और विचार चल पड़ें
वह मारे और विचार जीवित हों
वह गाड़े और विचार फूट पड़ें
हत्यारा पूरा माहौल बदलना चाहता है
वह आए और शब्द सन्नाटे में बदल जांय
वह बोले और भाषा जम जाए
हत्या हो समारोह हो और विचार हों सिर्फ उसके