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"होली (हाइकु) / रमा द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
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+ | ४- उगती धूप | ||
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+ | ५- अमवा डाल | ||
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+ | ७- जिया धड़के | ||
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+ | ८- प्यार की प्यास | ||
+ | दहकता पलाश | ||
+ | बसंत साथ । | ||
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+ | ९- महुआ फूला | ||
+ | मादक रस- गंध | ||
+ | ॠतु प्यार की। | ||
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+ | १०- बदरा घिरे | ||
+ | अंग-अंग महका | ||
+ | मोर चहका। | ||
+ | </poem> |
20:46, 10 मई 2012 के समय का अवतरण
१- हँसी ठिठोली
चितचोर की होली
राधा लजाई ।
२- गुलाबी ठंड़
रंगों की बरसात
अंगिया भीगी ।
३- प्रेम का रंग
राधा कान्हा मगन
चूनर लाल ।
४- उगती धूप
गुनगुनाती धरा
आया वसंत ।
५- अमवा डाल
कूकती कोयलिया
प्रिय की प्यास ।
६- मन उदास
प्रियतम विदेश
गरजे मेघ ।
७- जिया धड़के
घन-घन बरसे
पलकें बंद।
८- प्यार की प्यास
दहकता पलाश
बसंत साथ ।
९- महुआ फूला
मादक रस- गंध
ॠतु प्यार की।
१०- बदरा घिरे
अंग-अंग महका
मोर चहका।