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18:03, 18 मई 2012 के समय का अवतरण
1
जोगी वे पत्ते
पेड़ों के घर छोड़
निकल पड़े ।
2
प्यार से सेया
पंख आते ही उड़े
खाली है नीड़ ।
3
जपा कुसुम
खिले , दहके , झरे
तुम न फिरे ।
4
कुनमुनाया
बादल के कन्धे पे
उनींदा चाँद ।
5
वर्षा रानी का
सतरंगी दुपट्टा
नभ अटका ।
6
गाल दहके
किशोरी कनेर के
पाँव बहके