भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पीले गुलाब(चोका)/ सुधा गुप्ता" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सुधा गुप्ता }} Category: चोका <poem> तुम्हे...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{KKGlobal}}
+
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार= सुधा गुप्ता   
 
|रचनाकार= सुधा गुप्ता   

19:42, 21 मई 2012 के समय का अवतरण

तुम्हें भेजे थे
चन्द पीले गुलाब
मिल गए न ?
सिर्फ़ तुम्हारे लिए
सँजो रखे थे
पुखराज-पाटल
पीले गुलाब:
कोमल अहसास
तुम्हारा साथ
निर्धूम अगन -से
प्रशान्त ज्योति
पावनतम मित्र
मुझे भाती है
गुलाब की पीतिमा
 पीले गुलाब
ओस-बिन्दु से सजे
महक उठे
अनाम ,अछूते वे
रिश्ते निर्वाक् ही रहे ।
-0-