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+ | जो किसी ने भेजे थे | ||
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+ | युग बीते हैं | ||
+ | बसी गुलाब गंध। | ||
+ | हर साँस में | ||
+ | याद आया वो दिन | ||
+ | बचपन में | ||
+ | एक साथ देखा था | ||
+ | मैंने-तुमने | ||
+ | एक पीला गुलाब | ||
+ | चार हाथों ने | ||
+ | झपट लेना चाहा | ||
+ | अधीर मन | ||
+ | अबोध बचपन | ||
+ | था उतावला | ||
+ | जागा सयाना पन | ||
+ | आँखों-आँखों में | ||
+ | कुछ .फैसला हुआ | ||
+ | रुके थे हाथ | ||
+ | गुलाब के पास जा | ||
+ | सूँघा, सराहा | ||
+ | डाली पै छोड़ दिया | ||
+ | वापस मुड़े | ||
+ | राहें भी जुदा हुईं | ||
+ | यादों में बसा | ||
+ | महकता रहा वो | ||
+ | पीला गुलाब | ||
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+ | कभी सोचा न था कि | ||
+ | साँझ घिरेगी | ||
+ | बिछुड़ेगा काफ़िला | ||
+ | अकेला पन | ||
+ | सूने चट्टान- दिन | ||
+ | पाहन-रातें | ||
+ | बिताए न बीतेंगे | ||
+ | उखड़ी साँसें | ||
+ | और यादों की टीस | ||
+ | साथ गूँजेंगे | ||
+ | एक बोझिल भोर | ||
+ | विस्मय भरी | ||
+ | सच था या कि स्वप्न! | ||
+ | दो बूँद झरीं | ||
+ | विदा-वेला में मिला | ||
+ | आज पीला गुलाब!! | ||
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08:59, 6 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
अरसे बाद
भेजे किसी ने मुझे
पीले गुलाब
खिल उठी सुबह
दिन मुस्काया
बात-बेबात मन
गुनगुनाया
बड़े भले लगे वे
पीले गुलाब
जो किसी ने भेजे थे
युग बीते हैं
बसी गुलाब गंध।
हर साँस में
याद आया वो दिन
बचपन में
एक साथ देखा था
मैंने-तुमने
एक पीला गुलाब
चार हाथों ने
झपट लेना चाहा
अधीर मन
अबोध बचपन
था उतावला
जागा सयाना पन
आँखों-आँखों में
कुछ .फैसला हुआ
रुके थे हाथ
गुलाब के पास जा
सूँघा, सराहा
डाली पै छोड़ दिया
वापस मुड़े
राहें भी जुदा हुईं
यादों में बसा
महकता रहा वो
पीला गुलाब
कभी सोचा न था कि
साँझ घिरेगी
बिछुड़ेगा काफ़िला
अकेला पन
सूने चट्टान- दिन
पाहन-रातें
बिताए न बीतेंगे
उखड़ी साँसें
और यादों की टीस
साथ गूँजेंगे
एक बोझिल भोर
विस्मय भरी
सच था या कि स्वप्न!
दो बूँद झरीं
विदा-वेला में मिला
आज पीला गुलाब!!
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