भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उर्वी का छौना / सुधा गुप्ता" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सुधा गुप्ता }} Category: चोका <poem> -0- </poem>' के साथ नया पन्ना बनाया) |
छो (Dr. ashok shukla moved पृष्ठ उर्वी का छौना / डॉ सुधा गुप्ता से उर्वी का छौना / सुधा गुप्ता) |
||
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | {KKGlobal}} | + | {{KKGlobal}} |
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार= सुधा गुप्ता | |रचनाकार= सुधा गुप्ता | ||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
[[Category: चोका]] | [[Category: चोका]] | ||
<poem> | <poem> | ||
+ | |||
+ | चाँद सलोना | ||
+ | रुपहला खिलौना | ||
+ | माखन लोना | ||
+ | माँ का बड़ा लाडला | ||
+ | सब का प्यारा | ||
+ | गोरा-गोरा मुखड़ा | ||
+ | बड़ा सजीला | ||
+ | किसी की न माने वो | ||
+ | पूरा हठीला | ||
+ | ‘बुरी नज़र दूर’ | ||
+ | करने हेतु | ||
+ | ममता से लगाया | ||
+ | काला ‘दिठौना’ | ||
+ | |||
+ | माँ सँग खेल रहा | ||
+ | खेल पुराना | ||
+ | पेड़ों छिप जाता | ||
+ | निकल आता | ||
+ | किलकता, हँसता | ||
+ | माँ से करे ‘झा’ | ||
+ | |||
+ | रूप देख परियाँ | ||
+ | हुईं दीवानी | ||
+ | आगे-पीछे डोलतीं | ||
+ | करे शैतानी | ||
+ | चाँदनी का दरिया | ||
+ | बहा के लाता | ||
+ | सबको डुबा जाता | ||
+ | |||
+ | गोल-मटोल | ||
+ | उजला, गदबदा | ||
+ | रूप सलोना | ||
+ | नभ का शहज़ादा | ||
+ | वह उर्वी का छौना | ||
-0- | -0- | ||
</poem> | </poem> |
08:58, 6 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
चाँद सलोना
रुपहला खिलौना
माखन लोना
माँ का बड़ा लाडला
सब का प्यारा
गोरा-गोरा मुखड़ा
बड़ा सजीला
किसी की न माने वो
पूरा हठीला
‘बुरी नज़र दूर’
करने हेतु
ममता से लगाया
काला ‘दिठौना’
माँ सँग खेल रहा
खेल पुराना
पेड़ों छिप जाता
निकल आता
किलकता, हँसता
माँ से करे ‘झा’
रूप देख परियाँ
हुईं दीवानी
आगे-पीछे डोलतीं
करे शैतानी
चाँदनी का दरिया
बहा के लाता
सबको डुबा जाता
गोल-मटोल
उजला, गदबदा
रूप सलोना
नभ का शहज़ादा
वह उर्वी का छौना
-0-