भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सूखी डाली पर् / मात्सुओ बाशो" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 23: | पंक्ति 23: | ||
'''अनुवादक [[ अज्ञेय ]]''' | '''अनुवादक [[ अज्ञेय ]]''' | ||
− | 5 मार्च 2004 को होशंगाबाद (म0प्र0), | + | (5 मार्च 2004 को होशंगाबाद (म0प्र0), में आयोजित ‘हाइकु समारोह’ में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो० [[सत्यभूषण वर्मा]] द्वारा दिये गये भाषण के एक अंश में उद्घृत.... ) |
22:30, 17 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण
|
(1)
जापानी हाइकु
कारे एदा नि
कारसु नो तोमारिकेरि
आकि नो कुरे।
हिन्दी भावानुवाद
सूखी डाली पर्
काक एक एकाकी
साँझ पतझड़ की।
अनुवादक अज्ञेय
(5 मार्च 2004 को होशंगाबाद (म0प्र0), में आयोजित ‘हाइकु समारोह’ में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो० सत्यभूषण वर्मा द्वारा दिये गये भाषण के एक अंश में उद्घृत.... )