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"निसिदिन बरसत नैन हमारे / सूरदास" के अवतरणों में अंतर
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निसिदिन बरसत नैन हमारे। | निसिदिन बरसत नैन हमारे। | ||
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सदा रहत पावस ऋतु हम पर, जबते स्याम सिधारे।। | सदा रहत पावस ऋतु हम पर, जबते स्याम सिधारे।। | ||
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अंजन थिर न रहत अँखियन में, कर कपोल भये कारे। | अंजन थिर न रहत अँखियन में, कर कपोल भये कारे। | ||
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कंचुकि-पट सूखत नहिं कबहुँ, उर बिच बहत पनारे॥ | कंचुकि-पट सूखत नहिं कबहुँ, उर बिच बहत पनारे॥ | ||
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आँसू सलिल भये पग थाके, बहे जात सित तारे। | आँसू सलिल भये पग थाके, बहे जात सित तारे। | ||
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'सूरदास' अब डूबत है ब्रज, काहे न लेत उबारे॥ | 'सूरदास' अब डूबत है ब्रज, काहे न लेत उबारे॥ | ||
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15:55, 23 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
निसिदिन बरसत नैन हमारे।
सदा रहत पावस ऋतु हम पर, जबते स्याम सिधारे।।
अंजन थिर न रहत अँखियन में, कर कपोल भये कारे।
कंचुकि-पट सूखत नहिं कबहुँ, उर बिच बहत पनारे॥
आँसू सलिल भये पग थाके, बहे जात सित तारे।
'सूरदास' अब डूबत है ब्रज, काहे न लेत उबारे॥