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"कलकत्ता और मेरा देश / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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08:35, 26 फ़रवरी 2008 के समय का अवतरण
महामहिम ने बयान दिया
संसद में
"धीरे-धीरे मर रहा है कलकत्ता"
तुमने अपनी डायरी में लिखा कवि
"कलकत्ता एक मरा हुआ नगर है"
एक और कवि ने लिखा
"खिलौने की तरह ले जायेगी मृत्यु हमें"
और
मैं देख रहा हूँ
धीरे-धीरे मर रहा है मेरा देश
एक नया जीवन पाने की ख़ातिर