भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चिड़कली /अंकिता पुरोहित" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>एक डाळी सूं
+
{{KKCatKavita‎}}
 +
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 +
<poem>
 +
एक डाळी सूं
 
दूजी डाळी
 
दूजी डाळी
 
भच्च कूदै चिड़कली
 
भच्च कूदै चिड़कली
पंक्ति 26: पंक्ति 29:
 
खुद चिड़कली
 
खुद चिड़कली
 
उडै खुद, मारै फिड़कली
 
उडै खुद, मारै फिड़कली
हूंस पाण उडै चिड़कली!</poem>
+
हूंस पाण उडै चिड़कली!
 +
</poem>

18:22, 16 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

एक डाळी सूं
दूजी डाळी
भच्च कूदै चिड़कली
पकड़ै अर मारै फिड़कली।
 
आभै उडै
उतरै
काची डाळी
डरै नीं
डाळी रै तूटण सूं
उणनैं रैवै
पूरो विस्वास
आपरी आंख माथै
पांख माथै।
 
उडणो सिखावै मां
आंख-पांख
देन विधना री
पण
हूंस पाळै
खुद चिड़कली
उडै खुद, मारै फिड़कली
हूंस पाण उडै चिड़कली!