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"बरख़ास्त / मनमोहन" के अवतरणों में अंतर
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फूल के खिलने का डर है | फूल के खिलने का डर है | ||
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सो पहले फूल का खिलना बरखास्त | सो पहले फूल का खिलना बरखास्त | ||
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फिर फूल बरखास्त | फिर फूल बरखास्त | ||
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हवा के चलने का डर है | हवा के चलने का डर है | ||
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सो हवा का चलना बरखास्त | सो हवा का चलना बरखास्त | ||
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फिर हवा बरखास्त | फिर हवा बरखास्त | ||
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डर है पानी के बहने का | डर है पानी के बहने का | ||
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सीधी-सी बात | सीधी-सी बात | ||
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पानी का बहना बरखास्त | पानी का बहना बरखास्त | ||
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न काबू आए तो पानी बरखास्त | न काबू आए तो पानी बरखास्त | ||
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सवाल उठने का सवाल ही नही | सवाल उठने का सवाल ही नही | ||
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सवाल का उठना बरखास्त | सवाल का उठना बरखास्त | ||
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सवाल उठाने वाला बरखास्त | सवाल उठाने वाला बरखास्त | ||
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यानी सवाल बरखास्त | यानी सवाल बरखास्त | ||
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असहमति कोई है तो असहमति बरखास्त | असहमति कोई है तो असहमति बरखास्त | ||
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असहमत बरखास्त | असहमत बरखास्त | ||
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और फिर सभा बरखास्त | और फिर सभा बरखास्त | ||
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जनता का डर | जनता का डर | ||
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तो पूरी जनता बरखास्त | तो पूरी जनता बरखास्त | ||
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किले में बंद हथियारबंद खौफ़जदा | किले में बंद हथियारबंद खौफ़जदा | ||
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बौना तानाशाह चिल्लाता है | बौना तानाशाह चिल्लाता है | ||
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बरखास्त बरखास्त | बरखास्त बरखास्त | ||
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रातों को जगता है चिल्लाता है | रातों को जगता है चिल्लाता है | ||
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खुशबू को गिरफ़्तार करो | खुशबू को गिरफ़्तार करो | ||
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उड़ते पंछी को गोली मारो । | उड़ते पंछी को गोली मारो । | ||
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21:53, 4 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण
फूल के खिलने का डर है
सो पहले फूल का खिलना बरखास्त
फिर फूल बरखास्त
हवा के चलने का डर है
सो हवा का चलना बरखास्त
फिर हवा बरखास्त
डर है पानी के बहने का
सीधी-सी बात
पानी का बहना बरखास्त
न काबू आए तो पानी बरखास्त
सवाल उठने का सवाल ही नही
सवाल का उठना बरखास्त
सवाल उठाने वाला बरखास्त
यानी सवाल बरखास्त
असहमति कोई है तो असहमति बरखास्त
असहमत बरखास्त
और फिर सभा बरखास्त
जनता का डर
तो पूरी जनता बरखास्त
किले में बंद हथियारबंद खौफ़जदा
बौना तानाशाह चिल्लाता है
बरखास्त बरखास्त
रातों को जगता है चिल्लाता है
खुशबू को गिरफ़्तार करो
उड़ते पंछी को गोली मारो ।