भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कवि बना दिया मुझे / अहमेत इल्कान" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> मैं ह...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार=
+
|रचनाकार=अहमेत इल्कान
 
|अनुवादक=
 
|अनुवादक=
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=

11:53, 30 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

मैं हँसा, उन्होंने मुझे रुला दिया
मैंने किया प्रेम, उन्होंने छल

आलिंगन किया मैंने
उन्होंने बिसार दिया

मित्र, बंधु, सारे निकटस्थ जन
जिएँ, मिले उन सबको लम्बी उम्र
कवि बना दिया मुझे जबरन.....!