भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सौत-सम्वाद / अनातोली परपरा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
|||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKAnooditRachna | {{KKAnooditRachna | ||
− | |रचनाकार=अनातोली | + | |रचनाकार=अनातोली परपरा |
− | |संग्रह=माँ की मीठी आवाज़ / अनातोली | + | |संग्रह=माँ की मीठी आवाज़ / अनातोली परपरा |
}} | }} | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
[[Category:रूसी भाषा]] | [[Category:रूसी भाषा]] | ||
− | + | <poem> | |
'''एक लोकगीत को सुनकर''' | '''एक लोकगीत को सुनकर''' | ||
− | |||
− | |||
ओ झड़बेरी, ओ झड़बेरी | ओ झड़बेरी, ओ झड़बेरी | ||
− | |||
मैं तुझे कहूँ व्यथा मेरी | मैं तुझे कहूँ व्यथा मेरी | ||
− | |||
सुन मेरी बात, री झड़बेरी | सुन मेरी बात, री झड़बेरी | ||
− | |||
आता जो तेरे पास अहेरी | आता जो तेरे पास अहेरी | ||
− | |||
वह मेरा बालम सांवरिया | वह मेरा बालम सांवरिया | ||
− | |||
न कर उससे, यारी गहरी | न कर उससे, यारी गहरी | ||
− | |||
वह छलिया, ठग है जादूगर | वह छलिया, ठग है जादूगर | ||
− | |||
करता फुसला कर रति-लहरी | करता फुसला कर रति-लहरी | ||
− | |||
न कुपित हो तू, बहना, मुझ पे | न कुपित हो तू, बहना, मुझ पे | ||
− | |||
बहुत आकुल हूँ, कातर गहरी | बहुत आकुल हूँ, कातर गहरी | ||
+ | </poem> |
21:52, 7 मई 2010 के समय का अवतरण
|
एक लोकगीत को सुनकर
ओ झड़बेरी, ओ झड़बेरी
मैं तुझे कहूँ व्यथा मेरी
सुन मेरी बात, री झड़बेरी
आता जो तेरे पास अहेरी
वह मेरा बालम सांवरिया
न कर उससे, यारी गहरी
वह छलिया, ठग है जादूगर
करता फुसला कर रति-लहरी
न कुपित हो तू, बहना, मुझ पे
बहुत आकुल हूँ, कातर गहरी