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07:03, 4 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
चालो सत्संग सुणां
-गुणां
विचारां नैं कीं सिरजण री आस मांय
सांसां सोधां कीं तो जिस्मां री लास मांय
कितरी किरणां नाचै गंगाजळ मांय
आपां भी सबदां रा फुलड़ा
-चुणां
चालो सत्संग सुणां।