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"मेरा चाँद आज आधा है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

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मेरा चाँद आज आधा है
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मेरा चाँद  
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आज आधा है
  
उखड़ा है ये सुंदर मुखड़ा
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उखड़ा-उखड़ा सुंदर मुखड़ा
 
फूले गाल सुनाते दुखड़ा
 
फूले गाल सुनाते दुखड़ा
सूज गईं हैं दोनों आँखें  
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सूज गई हैं  
और नमी इनमें ज्यादा है
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दोनों आँखें  
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और नमी इनमें ज़्यादा है
  
 
बात कही किसने क्या ऐसी
 
बात कही किसने क्या ऐसी
 
क्यूँ आँगन में रात रो रही
 
क्यूँ आँगन में रात रो रही
 
दिल का दर्द छुपाता है ये
 
दिल का दर्द छुपाता है ये
ऐसी भी क्या मर्यादा है?
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ऐसी भी क्या मर्यादा है
  
घबरा मत ओ चंदा मेरे
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घबरा मत  
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ओ चंदा मेरे
 
दुख की इन सूनी रातों में
 
दुख की इन सूनी रातों में
 
तेरे सिरहाने बैठूँगा
 
तेरे सिरहाने बैठूँगा
साथ न छोड़ूँगा वादा है
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साथ न छोड़ूँगा  
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वादा है
 
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22:06, 21 जनवरी 2019 के समय का अवतरण

मेरा चाँद
आज आधा है

उखड़ा-उखड़ा सुंदर मुखड़ा
फूले गाल सुनाते दुखड़ा
सूज गई हैं
दोनों आँखें
और नमी इनमें ज़्यादा है

बात कही किसने क्या ऐसी
क्यूँ आँगन में रात रो रही
दिल का दर्द छुपाता है ये
ऐसी भी क्या मर्यादा है

घबरा मत
ओ चंदा मेरे
दुख की इन सूनी रातों में
तेरे सिरहाने बैठूँगा
साथ न छोड़ूँगा
वादा है