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"ठहरा हुआ एहसास. / इला कुमार" के अवतरणों में अंतर

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एक एक बीता हुआ क्षण
 
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हाँ  
 
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पलों मे फासला तय करके वर्षो का
 
पलों मे फासला तय करके वर्षो का
 
 
सिमट आता है सिहरनो में  
 
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बंध जाना ज़ंजीरों से मृदुल धागों में  
 
बंध जाना ज़ंजीरों से मृदुल धागों में  
 
 
सिर्फ़ इक जगमगाहट,  
 
सिर्फ़ इक जगमगाहट,  
 
 
  
 
कितनी ज़्यादा तेज सौ मर्करी की रोशनियों से  
 
कितनी ज़्यादा तेज सौ मर्करी की रोशनियों से  
 
 
कि
 
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हर वाक्य को पढ़ना ही नहीं सुनना भी आसान
 
हर वाक्य को पढ़ना ही नहीं सुनना भी आसान
 
 
कितनी बरसातें आकर गई  
 
कितनी बरसातें आकर गई  
 
  
 
अभी तक मिटा नहीं नंगे पावों का एक भी निशान
 
अभी तक मिटा नहीं नंगे पावों का एक भी निशान
 
 
क्या इतने दिनों में किसी ने छुआ नहीं  
 
क्या इतने दिनों में किसी ने छुआ नहीं  
 
 
बैठा भी नहीं कोई?
 
बैठा भी नहीं कोई?
 
  
 
अभी भी दूब
 
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वही दबी है जहाँ टिकाई थी,  
 
वही दबी है जहाँ टिकाई थी,  
 
हथेलियाँ, हमने.
 
हथेलियाँ, हमने.
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19:37, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

एक एक बीता हुआ क्षण
हाँ
पलों मे फासला तय करके वर्षो का
सिमट आता है सिहरनो में
बंध जाना ज़ंजीरों से मृदुल धागों में
सिर्फ़ इक जगमगाहट,

कितनी ज़्यादा तेज सौ मर्करी की रोशनियों से
कि
हर वाक्य को पढ़ना ही नहीं सुनना भी आसान
कितनी बरसातें आकर गई

अभी तक मिटा नहीं नंगे पावों का एक भी निशान
क्या इतने दिनों में किसी ने छुआ नहीं
बैठा भी नहीं कोई?

अभी भी दूब
वही दबी है जहाँ टिकाई थी,
हथेलियाँ, हमने.