भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सुभाव / संजय आचार्य वरुण" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
<poem> | <poem> | ||
‘जलम देय’र | ‘जलम देय’र | ||
− | बडौ | + | बडौ करणौ |
अर फेर काट देवणौ | अर फेर काट देवणौ | ||
या किचरणौ | या किचरणौ | ||
मिनख रौ | मिनख रौ | ||
ओ ई सुभाव | ओ ई सुभाव | ||
− | उण ने | + | उण ने बणावै |
सै जीवां सूं अळगौ’ | सै जीवां सूं अळगौ’ | ||
22:59, 25 फ़रवरी 2015 के समय का अवतरण
‘जलम देय’र
बडौ करणौ
अर फेर काट देवणौ
या किचरणौ
मिनख रौ
ओ ई सुभाव
उण ने बणावै
सै जीवां सूं अळगौ’
बाग री नान्ही दूब
रोवती, गरळांवती
इतरौ कैयौ ई’ज हौ के
अचाणचक
एक पग
उण रौ कचरौ काढ़
आगै बधग्यो
दूब बापड़ी
अबै नीं रैयी
रोवण जोगी भी।