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"पिता की बरसी पर / येहूदा आमिखाई" के अवतरणों में अंतर

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मुझे याद है उनमें से अधिकतर के नाम
 
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जैसे कि पिता को अपने बच्चे को स्कूल से घर लेट हुए याद रहते हैं
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उसके दोस्तो के नाम
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दोस्तो के नाम
  
  

01:07, 19 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: येहूदा आमिखाई  » संग्रह: धरती जानती है
»  पिता की बरसी पर

अपने पिता की बरसी पर मैं गया उनके साथियों को देखने

जो दफ़नाये गए थे उन्हीं के साथ एक कतार में

यही थी उनके जीवन के स्नातक कक्षा


मुझे याद है उनमें से अधिकतर के नाम

जैसे कि किसी पिता को याद रहते हैं

स्कूल से घर लौटते अपने बच्चे के

दोस्तो के नाम


मेरे पिता अब भी मुझसे प्यार करते हैं और मैं तो हमेशा ही करता हूँ उनसे

इसीलिये मैं कभी रोता नहीं उनके लिए

लेकिन यहाँ इस जगह का मान रखने की खातिर ही सही

मैं ला चुका हूँ थोड़ी सी रुलाई अपनी आंखों में

एक नजदीकी कब्र देख कर - एक बच्चे की कब्र

जिस पर लिखा है--

" हमारा नन्हां योसी जब मरा चार साल का था।