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16:56, 9 मई 2015 के समय का अवतरण
तिसळ’र पड़तै आदमी नै 
देख’र 
कइयां रै भीतर
चेळको बापरै 
अलबत मूंडै स्यूं तो 
आ ई निसरै 
‘बिच्यारै रै लागी ..... श्ई ....’।
 
	
	

