"श्री महालक्ष्मी अष्टकम" के अवतरणों में अंतर
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− | नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते ! | + | {{KKGlobal}}नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते ! |
− | + | शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | |
− | नमस्तेतु | + | नमस्तेतु गरुदारुढै कोलासुर भयंकरी ! |
सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | ||
− | + | सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरी ! | |
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | ||
− | सिद्धि बुद्धि देवी भक्ति मुक्ति | + | सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भक्ति मुक्ति प्रदायनी ! |
− | मंत्र | + | मंत्र मुर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !! |
− | + | आध्यंतरहीते देवी आद्य शक्ति महेश्वरी ! | |
− | + | योगजे योग सम्भुते महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | |
− | स्थूल | + | स्थूल सुक्ष्मे महारोद्रे महाशक्ति महोदरे ! |
महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | ||
− | + | पद्मासन स्थिते देवी परब्रह्म स्वरूपिणी ! | |
परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते !! | ||
− | + | श्वेताम्भर धरे देवी नानालन्कार भुषिते ! | |
− | + | जगत स्थिते जगंमाते महालक्ष्मी नमोस्तुते!! | |
− | + | महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्रं य: पठेत भक्तिमान्नर:! | |
− | + | सर्वसिद्धि मवाप्नोती राज्यम् प्राप्नोति सर्वदा !! | |
− | एक कालम पठेनित्यम | + | एक कालम पठेनित्यम महापापविनाशनम ! |
द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित: !! | द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित: !! | ||
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त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम ! | त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम ! | ||
− | महालक्ष्मी | + | महालक्ष्मी भवेनित्यम प्रसंनाम वरदाम शुभाम !! |
22:39, 3 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते !
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
नमस्तेतु गरुदारुढै कोलासुर भयंकरी !
सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरी !
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भक्ति मुक्ति प्रदायनी !
मंत्र मुर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
आध्यंतरहीते देवी आद्य शक्ति महेश्वरी !
योगजे योग सम्भुते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
स्थूल सुक्ष्मे महारोद्रे महाशक्ति महोदरे !
महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
पद्मासन स्थिते देवी परब्रह्म स्वरूपिणी !
परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
श्वेताम्भर धरे देवी नानालन्कार भुषिते !
जगत स्थिते जगंमाते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्रं य: पठेत भक्तिमान्नर:!
सर्वसिद्धि मवाप्नोती राज्यम् प्राप्नोति सर्वदा !!
एक कालम पठेनित्यम महापापविनाशनम !
द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित: !!
त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम !
महालक्ष्मी भवेनित्यम प्रसंनाम वरदाम शुभाम !!