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"मामा / अमरेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

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पेट बराबर फुललोॅ गाल
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जंगल-झाड़-पतार-कदीमा-कद्दू-आलू
मामा चलै दुलत्ती चाल
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जत्तेॅ नै छै मामा ओत्तेॅ मामी चालू
झापड़ोॅ माथोॅ बढ़लोॅ चूल
+
अगरो-बगरो, कौआ-मैना, पिपरी-खटमल-खोटा
जैमें पाँच पसेरी धूल
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दूध किनै लेॅ मामा गेलै भूली ऐलै लोटा
पढ़ै-लिखै में अजगुत खेल
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हाथी-गीदड़-भैंसा-चीता-केला-खरबुज-भुट्टा
नौमी में नौ दाफी फेल
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भैंस कहीं तेॅ छोड़ै मामा, लै आनै छै खुट्टा
रौदिये में घूमै छै मामा
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अड़गड़ मारै, बड़गड़ मारै, मारै कुत्ता-बकरी
भैगने केॅ धूनै छै मामा
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खाय सें पहिलें यहेॅ हुवै छै मामा जाय छै ढकरी
दिन भर मारै  घर में मूसोॅ
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आलू-बालू-छर्री-लोहोॅ, नानी-नाना, दादा
माथा में भरलोॅ छै भूसोॅ
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कोय परीक्षा हुवेॅ मामा कॉपी छोड़ै सादा
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देह बढ़ै लेॅ खाय छै मामा किसमिस-कंद-पपीता
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तीन फिटोॅ सें बढ़थैं नै छै, दिन भर नाँपै फीता
 
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10:49, 14 मई 2016 के समय का अवतरण

जंगल-झाड़-पतार-कदीमा-कद्दू-आलू
जत्तेॅ नै छै मामा ओत्तेॅ मामी चालू
अगरो-बगरो, कौआ-मैना, पिपरी-खटमल-खोटा
दूध किनै लेॅ मामा गेलै भूली ऐलै लोटा
हाथी-गीदड़-भैंसा-चीता-केला-खरबुज-भुट्टा
भैंस कहीं तेॅ छोड़ै मामा, लै आनै छै खुट्टा
अड़गड़ मारै, बड़गड़ मारै, मारै कुत्ता-बकरी
खाय सें पहिलें यहेॅ हुवै छै मामा जाय छै ढकरी
आलू-बालू-छर्री-लोहोॅ, नानी-नाना, दादा
कोय परीक्षा हुवेॅ मामा कॉपी छोड़ै सादा
देह बढ़ै लेॅ खाय छै मामा किसमिस-कंद-पपीता
तीन फिटोॅ सें बढ़थैं नै छै, दिन भर नाँपै फीता ।