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"अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर

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बिना टिकट के ट्रेन में चले पुत्र बलवीर  
 
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जहाँ ‘मूड’ आया वहीं, खींच लई ज़ंजीर  
 
जहाँ ‘मूड’ आया वहीं, खींच लई ज़ंजीर  
 
 
खींच लई ज़ंजीर, बने गुंडों के नक्कू  
 
खींच लई ज़ंजीर, बने गुंडों के नक्कू  
 
 
पकड़ें टी. टी. गार्ड, उन्हें दिखलाते चक्कू  
 
पकड़ें टी. टी. गार्ड, उन्हें दिखलाते चक्कू  
 
 
गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन-दूना  
 
गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन-दूना  
 
 
प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना
 
प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना
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00:30, 29 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

बिना टिकट के ट्रेन में चले पुत्र बलवीर
जहाँ ‘मूड’ आया वहीं, खींच लई ज़ंजीर
खींच लई ज़ंजीर, बने गुंडों के नक्कू
पकड़ें टी. टी. गार्ड, उन्हें दिखलाते चक्कू
गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार बढ़ा दिन-दूना
प्रजातंत्र की स्वतंत्रता का देख नमूना