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मान्छे माटो गन्हाउँछ / मनप्रसाद सुब्बा
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|रचनाकार=मनप्रसाद सुब्बा
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|संग्रह=भुइँफुट्टा शब्दहरू
/ मनप्रसाद सुब्बा
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दूबोको एक सुइरो पात म
धरतीको काखीमा उम्रेको यौटा रौँ
Sirjanbindu
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