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"भूल-भुलैया / मोहन राणा" के अवतरणों में अंतर
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अधजागा ही सोया गया मैं | अधजागा ही सोया गया मैं | ||
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फिर भी बंद न हुआ सोचना | फिर भी बंद न हुआ सोचना | ||
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झरती रही कतरनें मन में | झरती रही कतरनें मन में | ||
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तुम्हें याद करते | तुम्हें याद करते | ||
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कभी हँस देता | कभी हँस देता | ||
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कभी सोचता | कभी सोचता | ||
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कोई और संभावना | कोई और संभावना | ||
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उस रास्ते पर अब चौड़ी सड़क है | उस रास्ते पर अब चौड़ी सड़क है | ||
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चहल-पहल पर वह जगह नहीं | चहल-पहल पर वह जगह नहीं | ||
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जो वहाँ थी | जो वहाँ थी | ||
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बस स्मृति है ! | बस स्मृति है ! | ||
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हर गली से हम पहुँचते फिर उसी सड़क के कोने पर | हर गली से हम पहुँचते फिर उसी सड़क के कोने पर | ||
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अधजागा मैं बढ़ाता हाथ | अधजागा मैं बढ़ाता हाथ | ||
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छूटते सपने की ओर, | छूटते सपने की ओर, | ||
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कोई आता निकट | कोई आता निकट | ||
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दूर होता जाता भूल-भुलैया में | दूर होता जाता भूल-भुलैया में | ||
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फिर वहीं अपने संशय के साथ | फिर वहीं अपने संशय के साथ | ||
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17:57, 26 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
अधजागा ही सोया गया मैं
फिर भी बंद न हुआ सोचना
झरती रही कतरनें मन में
तुम्हें याद करते
कभी हँस देता
कभी सोचता
कोई और संभावना
उस रास्ते पर अब चौड़ी सड़क है
चहल-पहल पर वह जगह नहीं
जो वहाँ थी
बस स्मृति है !
हर गली से हम पहुँचते फिर उसी सड़क के कोने पर
अधजागा मैं बढ़ाता हाथ
छूटते सपने की ओर,
कोई आता निकट
दूर होता जाता भूल-भुलैया में
फिर वहीं अपने संशय के साथ
रचनाकाल: 24.11.2003