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"विवश पशु / शैलेन्द्र चौहान" के अवतरणों में अंतर
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पशु विवश हैं | पशु विवश हैं | ||
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मुँह मारने को | मुँह मारने को | ||
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किसी की खड़ी फसल में | किसी की खड़ी फसल में | ||
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आकाश में इन्द्र देव | आकाश में इन्द्र देव |
02:28, 7 मई 2008 के समय का अवतरण
चरागाह सूखा है
निश्चिंत हैं हाकिम-हुक्काम
नियति मान
चुप हैं चरवाहे
मेघ नहीं घिरे
बरखा आई, गई
पशु विवश हैं
मुँह मारने को
किसी की खड़ी फसल में
हँस रहे हैं
आकाश में इन्द्र देव