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"बसंत है आया / अभिषेक कुमार अम्बर" के अवतरणों में अंतर

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कू-कू करती कोयल कहती
 
कू-कू करती कोयल कहती

20:22, 22 जनवरी 2020 के समय का अवतरण

कू-कू करती कोयल कहती
सर सर करती पवन है बहती।
फूलों पर भँवरें मंडराते
सब मिल गीत ख़ुशी के गाते।
सबको ही ये मौसम भाया
देखो देखो बसंत है आया।

पेड़ों पर बैरी पक आई
खेतों में फसलें लहराई।
लदी हुईं फूलों से डाली
देख तितलियाँ हुई मतवाली।
भँवरों का भी मन मचलाया
देखो देखो बसंत है आया।

पड़े बाग़ बासंती झूले
बच्चे फिरते फूले फूले।
झूम झूमकर झूला झूलें
साँझ ढली घर जाना भूले।
सरपट सरपट दौड़े सारे
वायु का भी वेग लजाया।
देखो देखो बसंत है आया।