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"तस्विरसँग / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर
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र सुकेका पातहरू | र सुकेका पातहरू | ||
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सरसर खरखर बीच | सरसर खरखर बीच | ||
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र भित्ताका तस्वीरहरू | र भित्ताका तस्वीरहरू | ||
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टक टक टक टक बीच | टक टक टक टक बीच | ||
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पर कतै | पर कतै | ||
बाँसुरीले लय हाल्यो | बाँसुरीले लय हाल्यो |
20:06, 17 दिसम्बर 2020 के समय का अवतरण
यो मन्द उज्यालो
यो मन्द अँध्यारो
मन्द प्रकाश
मन्द अन्धकार
मा
तिम्रो तस्वीर
मुख छोपेको केशले
मुख छोपेको हातले ।
मन्दमन्द मात लागेका
मेरा आँखा
मेरो शरीर
मेरो रगत
मेरा कामना ।
हावाले हल्लाएका रुखका हाँगाहरू
र सुकेका पातहरू
र झ्यालका पर्दाहरू
का आवाजहरू,
सरसर खरखर बीच
बतासले झारेका फूलहरू
र फलहरू
र भित्ताका तस्वीरहरू
का स्वरहरू,
टक टक टक टक बीच
तिम्रो आहट झैँ
पर कतै
बाँसुरीले लय हाल्यो
पर कतै
मौसमले वसन्त ल्यायो ।
तिम्रो मुस्कानले तस्वीरको
सुस्तरी भन्यो
पर्खिराख म आउँदैछु ।