भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पंजाब-3 / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=उदय प्रकाश |संग्रह= रात में हारमोनियम / उदय प्रकाश }} पं...)
 
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=उदय प्रकाश
 
|रचनाकार=उदय प्रकाश
|संग्रह= रात में हारमोनियम / उदय प्रकाश
+
|संग्रह= रात में हारमोनिययम / उदय प्रकाश
 
}}
 
}}
 
+
{{KKCatKavita}}
 
+
<poem>
 
पंजाब से फिर आई है ख़बर
 
पंजाब से फिर आई है ख़बर
 
  
 
कौन है आख़िर जो सुनना चाहता है
 
कौन है आख़िर जो सुनना चाहता है
 
 
पंजाब की ख़बर
 
पंजाब की ख़बर
 
 
कौन है वह
 
कौन है वह
 
 
जो हर रोज़ सुनाना चाहता है
 
जो हर रोज़ सुनाना चाहता है
 
 
पंजाब की ख़बर
 
पंजाब की ख़बर
 
  
 
रोको उसे,
 
रोको उसे,
 
 
जो हर सुबह जब बच्चे दूध पीते हैं
 
जो हर सुबह जब बच्चे दूध पीते हैं
 
 
जब हम रात के स्वप्नों में फिर एक बार
 
जब हम रात के स्वप्नों में फिर एक बार
 
 
लौटना चाहते हैं
 
लौटना चाहते हैं
 
 
तो हर रोज़ किसी काने खलनायक की तरह
 
तो हर रोज़ किसी काने खलनायक की तरह
 
 
पंजाब की बात चलाता है
 
पंजाब की बात चलाता है
 
  
 
क्या हमें भूलने नहीं दिया जाएगा
 
क्या हमें भूलने नहीं दिया जाएगा
 
 
कभी पंजाब
 
कभी पंजाब
 
  
 
कब होगा वह दिन
 
कब होगा वह दिन
 
 
जब हम होंगे बिना पंजाब के
 
जब हम होंगे बिना पंजाब के
 
 
बच्चों को गुदगुदी मचाकर हँसाते
 
बच्चों को गुदगुदी मचाकर हँसाते
 +
</poem>

00:30, 11 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

पंजाब से फिर आई है ख़बर

कौन है आख़िर जो सुनना चाहता है
पंजाब की ख़बर
कौन है वह
जो हर रोज़ सुनाना चाहता है
पंजाब की ख़बर

रोको उसे,
जो हर सुबह जब बच्चे दूध पीते हैं
जब हम रात के स्वप्नों में फिर एक बार
लौटना चाहते हैं
तो हर रोज़ किसी काने खलनायक की तरह
पंजाब की बात चलाता है

क्या हमें भूलने नहीं दिया जाएगा
कभी पंजाब

कब होगा वह दिन
जब हम होंगे बिना पंजाब के
बच्चों को गुदगुदी मचाकर हँसाते