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मैं बाहर जाने का रास्ता ढूंढने लगता हूँ | मैं बाहर जाने का रास्ता ढूंढने लगता हूँ | ||
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मेरी यही उपलब्धि है कि | मेरी यही उपलब्धि है कि | ||
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मुझे ऐसी बहुत जगहों से | मुझे ऐसी बहुत जगहों से | ||
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बाहर निकलना आता है | बाहर निकलना आता है | ||
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जहाँ दाखिल होना मेरे लिए नहीं मुमकिन | जहाँ दाखिल होना मेरे लिए नहीं मुमकिन | ||
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कि मैं तेरह जबानों में नमस्ते | कि मैं तेरह जबानों में नमस्ते | ||
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और तेईस में अलविदा कहना जानता हूँ | और तेईस में अलविदा कहना जानता हूँ | ||
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कोई बोलने से ज्यादा हकलाता हो | कोई बोलने से ज्यादा हकलाता हो | ||
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चलने से ज्यादा लंगड़ाता हो | चलने से ज्यादा लंगड़ाता हो | ||
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देखने से ज्यादा निगाहें फेरता हो | देखने से ज्यादा निगाहें फेरता हो | ||
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जान लो मेरे कबीले से है | जान लो मेरे कबीले से है | ||
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मेरी बीबी - जैसा कि अक्सर होता है | मेरी बीबी - जैसा कि अक्सर होता है | ||
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मुख्तलिफ कबीले की है | मुख्तलिफ कबीले की है | ||
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उससे मिलते ही आप उसके | उससे मिलते ही आप उसके | ||
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मुरीद हो जाएंगे | मुरीद हो जाएंगे | ||
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देखना एक दिन यह बातूनी चुड़ैल | देखना एक दिन यह बातूनी चुड़ैल | ||
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हँसते- हँसते मेरा खून पी जाएगी। | हँसते- हँसते मेरा खून पी जाएगी। | ||
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18:55, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
कहीं भी दाखिल होते ही
मैं बाहर जाने का रास्ता ढूंढने लगता हूँ
मेरी यही उपलब्धि है कि
मुझे ऐसी बहुत जगहों से
बाहर निकलना आता है
जहाँ दाखिल होना मेरे लिए नहीं मुमकिन
कि मैं तेरह जबानों में नमस्ते
और तेईस में अलविदा कहना जानता हूँ
कोई बोलने से ज्यादा हकलाता हो
चलने से ज्यादा लंगड़ाता हो
देखने से ज्यादा निगाहें फेरता हो
जान लो मेरे कबीले से है
मेरी बीबी - जैसा कि अक्सर होता है
मुख्तलिफ कबीले की है
उससे मिलते ही आप उसके
मुरीद हो जाएंगे
देखना एक दिन यह बातूनी चुड़ैल
हँसते- हँसते मेरा खून पी जाएगी।