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पार / नरेश सक्सेना

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|संग्रह=समुद्र पर हो रही है बारिश / नरेश सक्सेना
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पुल पार करने से
 
पुल पार होता है
 
नदी पार नहीं होती
 
नदी पार नहीं होती नदी में धँसे बिना
 
नदी में धँसे बिना
 
पुल का अर्थ भी समझ में नहीं आता
 
नदी में धँसे बिना
 
पुल पार करने से
 
पुल पार नहीं होता
 
सिर्फ़ लोहा-लंगड़ पार होता है
 
कुछ भी नहीं होता पार
 
नदी में धँसे बिना
 
न पुल पार होता है
 
न नदी पार होती है।
</poem>
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