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"ओइ के खंडहर / नरेश सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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अभी गुलाम आएंगे | अभी गुलाम आएंगे | ||
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काली पीठों पर कोड़े खाते हुए | काली पीठों पर कोड़े खाते हुए | ||
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जब गोरे बच्चे हँसते हुए उन्हें दिखेंगे | जब गोरे बच्चे हँसते हुए उन्हें दिखेंगे | ||
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जो सीख रहे होंगे बोझा ढोना | जो सीख रहे होंगे बोझा ढोना | ||
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कोड़े खाते हुए अनजाने देशों में | कोड़े खाते हुए अनजाने देशों में | ||
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वहाँ भी सज रही होंगी गोरी औरतें | वहाँ भी सज रही होंगी गोरी औरतें | ||
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गोरे बच्चे हँस रहे होंगे। | गोरे बच्चे हँस रहे होंगे। | ||
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10:47, 5 जनवरी 2010 के समय का अवतरण
(उत्तरी अफ़्रीका में रोमन साम्राज्य के अवशेष}
गोरी औरतें सज रही हैं
अभी गुलाम आएंगे
काली पीठों पर कोड़े खाते हुए
उन्हें याद आएंगे अपने बिके हुए शिशु
जब गोरे बच्चे हँसते हुए उन्हें दिखेंगे
जो सीख रहे होंगे बोझा ढोना
काली पीठों पर
कोड़े खाते हुए अनजाने देशों में
वहाँ भी सज रही होंगी गोरी औरतें
गोरे बच्चे हँस रहे होंगे।