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"विजन गिरिपथ पर चटखती / नामवर सिंह" के अवतरणों में अंतर
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13:55, 15 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
विजन गिरीपथ पर चटखती पत्तियों का लास
हृदय में निर्जल नदी के पत्थरों का हास
'लौट आ, घर लौट' गेही की कहीं आवाज़
भींगते से वस्त्र शायद छू गया वातास ।