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"तिमीलाई म के भनूँ / दीपक जङ्गम" के अवतरणों में अंतर
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− | + | तिमीलाई म के भनूँ | |
− | + | फूल भनूँ कि जून भनूँ | |
− | + | उपमा धेरै म दिऊँ | |
+ | तिमीलाई मनकी मायालु भनूँ | ||
− | + | फूल फुलेको मौसममा | |
− | + | यो साँझको शीतल वातावरणमा | |
− | यो | + | यो मनलाई कसरी सम्हालूँ म |
− | + | नपिई बेहोश-बेहोश भएँ म, | |
+ | कहिले नछुट्ने नशा भनूँ कि | ||
+ | फूल भनूँ कि जून भनूँ | ||
+ | उपमा धेरै म दिऊँ | ||
+ | तिमीलाई मनकी मायालु भनूँ | ||
+ | तिमीलाई म के भनूँ | ||
− | + | केही झुके-झुकेका नजर | |
− | + | केही बोल्न खोज्दा काँपेका अधर | |
− | + | दुई आँखाका गहिरा तालबिच | |
− | + | नसकी तर्न, डुबें डुबेँ म | |
+ | कहिलै नछुट्ने तृष्णा भनूँ कि | ||
+ | फूल भनूँ कि जून भनूँ | ||
+ | उपमा धेरै म दिऊँ | ||
+ | तिमीलाई मनकी मायालु भनूँ | ||
+ | तिमीलाई म के भनूँ | ||
− | शब्द | + | शब्द, संगीत - दीपक जङ्गम |
− | स्वर | + | स्वर - नारायण गोपाल |
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20:44, 29 जून 2017 के समय का अवतरण
तिमीलाई म के भनूँ
फूल भनूँ कि जून भनूँ
उपमा धेरै म दिऊँ
तिमीलाई मनकी मायालु भनूँ
फूल फुलेको मौसममा
यो साँझको शीतल वातावरणमा
यो मनलाई कसरी सम्हालूँ म
नपिई बेहोश-बेहोश भएँ म,
कहिले नछुट्ने नशा भनूँ कि
फूल भनूँ कि जून भनूँ
उपमा धेरै म दिऊँ
तिमीलाई मनकी मायालु भनूँ
तिमीलाई म के भनूँ
केही झुके-झुकेका नजर
केही बोल्न खोज्दा काँपेका अधर
दुई आँखाका गहिरा तालबिच
नसकी तर्न, डुबें डुबेँ म
कहिलै नछुट्ने तृष्णा भनूँ कि
फूल भनूँ कि जून भनूँ
उपमा धेरै म दिऊँ
तिमीलाई मनकी मायालु भनूँ
तिमीलाई म के भनूँ
शब्द, संगीत - दीपक जङ्गम
स्वर - नारायण गोपाल