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"आस्था / अनवर ईरज" के अवतरणों में अंतर
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तुमने उसकी बुनियाद | तुमने उसकी बुनियाद | ||
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जो सचमुच राम की भूमि थी | जो सचमुच राम की भूमि थी | ||
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तुमने | तुमने | ||
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अपने कर्तव्य और आस्था की पाकीज़गी | अपने कर्तव्य और आस्था की पाकीज़गी | ||
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राम से नहीं जोड़ी | राम से नहीं जोड़ी | ||
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राम से जोड़ते | राम से जोड़ते | ||
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तो दुनिया एहतराम करती | तो दुनिया एहतराम करती | ||
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तुमने अपनी आस्था | तुमने अपनी आस्था | ||
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एक गंदी सियासत से | एक गंदी सियासत से | ||
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जोड़ रखी है | जोड़ रखी है | ||
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और राम को | और राम को | ||
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अपनी कुर्सी के पाए से | अपनी कुर्सी के पाए से | ||
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बांध रखा है | बांध रखा है | ||
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तुमने | तुमने | ||
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राम और राम भक्तों को | राम और राम भक्तों को | ||
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एक साथ | एक साथ | ||
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छला है | छला है | ||
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19:03, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
तुम्हारी
आस्था की बुनियाद
बहुत कमज़ोर है
क्योंकि
तुमने उसकी बुनियाद
उस भूमि पर रखी ही नहीं
जो सचमुच राम की भूमि थी
तुमने
अपने कर्तव्य और आस्था की पाकीज़गी
राम से नहीं जोड़ी
राम से जोड़ते
तो दुनिया एहतराम करती
तुमने अपनी आस्था
एक गंदी सियासत से
जोड़ रखी है
और राम को
अपनी कुर्सी के पाए से
बांध रखा है
तुमने
राम और राम भक्तों को
एक साथ
छला है