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पुनियाँ के चाननी में रँगल, | पुनियाँ के चाननी में रँगल, | ||
केकरो नेह के निसानी! | केकरो नेह के निसानी! | ||
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12:11, 2 अगस्त 2018 के समय का अवतरण
अन्हरिया रात में
अकेले चलइत
डर, बहुत डर
लग रहल हे हमरा...
जेब इया जान लगि नइँ,
बलिक
ई छोट-मुट अँगूठी लगि।
ई चोरगली में
आज कोय छीन नइँ ले
हमरा से...
पुनियाँ के चाननी में रँगल,
केकरो नेह के निसानी!