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"अटुट… / गीता त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर

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तिम्रो गीतको मीठो धुन
 
तिम्रो गीतको मीठो धुन
 
पर्खिरहनेछु … अटुट …
 
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[[अटूट... / गीता त्रिपाठी / सुमन पोखरेल|इस कविता का हिंदी अनुवाद पढ्ने के लिए यहाँ क्लिक करें]]
 
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16:48, 26 अगस्त 2024 के समय का अवतरण

जब शीर्षस्थ हुन्छौ तिमी
मेरा हरफहरू
गीत भएर बग्न थाल्छन्― तिमीतिरै
तिम्रो केन्द्रदेखि
मेरो परिधिसम्मको
अनन्त दूरीमा
लाग्छ,
बगिरहेछ युगौँदेखि
विश्वासको एक
अटुट नदी
पानी छउञ्जेल नदीमा
किनारहरू
सहयात्रामै हुन्छन् हरसमय
यही समयको
एउटा सहयात्री म
उमारेर
सम्पूर्ण स्मृतिका तरङ्गहरू
त्यही नदीमा
तिम्रो गीतको मीठो धुन
पर्खिरहनेछु … अटुट …
०००

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