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"ममतामयी ! / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर
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पलकें चूमूँ | पलकें चूमूँ | ||
तुम्हें गले लगाऊँ | तुम्हें गले लगाऊँ | ||
जीवन पाऊँ। | जीवन पाऊँ। | ||
− | + | 77 | |
क्षितिज पार | क्षितिज पार | ||
केवल इंतज़ार | केवल इंतज़ार | ||
धरा- गगन। | धरा- गगन। | ||
− | + | 78 | |
महामिलन | महामिलन | ||
सृष्टि झूमे खुशी से | सृष्टि झूमे खुशी से | ||
मादक मन। | मादक मन। | ||
− | + | 79 | |
ममतामयी ! | ममतामयी ! | ||
तुझसे रस पाया | तुझसे रस पाया | ||
जीना सिखाया। | जीना सिखाया। | ||
− | + | 80 | |
तुम न होते | तुम न होते | ||
रस मर ही जाता | रस मर ही जाता | ||
कौन लुभाता। | कौन लुभाता। | ||
− | + | 81 | |
रस छलके | रस छलके | ||
तेरे नयनों से जो | तेरे नयनों से जो | ||
मुझे सींचता। | मुझे सींचता। | ||
− | + | 82 | |
वाणी का जादू | वाणी का जादू | ||
बनके आलिंगन | बनके आलिंगन | ||
मुझे है बाँधे। | मुझे है बाँधे। | ||
− | + | 83 | |
अधर -प्यास | अधर -प्यास | ||
बनके मधुमास | बनके मधुमास | ||
मुझे टेरती। | मुझे टेरती। | ||
− | + | 84 | |
हो जाऊँ लय | हो जाऊँ लय | ||
तुम में एक दिन | तुम में एक दिन | ||
वही है मुक्ति। | वही है मुक्ति। | ||
− | + | 85 | |
कहीं न जाऊँ | कहीं न जाऊँ | ||
छुप तेरे सीने में | छुप तेरे सीने में | ||
स्वर्ग पा जाऊँ। | स्वर्ग पा जाऊँ। | ||
-०- | -०- | ||
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23:13, 5 मई 2019 के समय का अवतरण
76
पलकें चूमूँ
तुम्हें गले लगाऊँ
जीवन पाऊँ।
77
क्षितिज पार
केवल इंतज़ार
धरा- गगन।
78
महामिलन
सृष्टि झूमे खुशी से
मादक मन।
79
ममतामयी !
तुझसे रस पाया
जीना सिखाया।
80
तुम न होते
रस मर ही जाता
कौन लुभाता।
81
रस छलके
तेरे नयनों से जो
मुझे सींचता।
82
वाणी का जादू
बनके आलिंगन
मुझे है बाँधे।
83
अधर -प्यास
बनके मधुमास
मुझे टेरती।
84
हो जाऊँ लय
तुम में एक दिन
वही है मुक्ति।
85
कहीं न जाऊँ
छुप तेरे सीने में
स्वर्ग पा जाऊँ।
-०-