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उसकी थकान / मनमोहन
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,
15:30, 5 अक्टूबर 2018
<poem>
यह उस स्त्री की थकान थी
कि वह
हंस
हँस
कर रह जाती थी
जबकि
वे समझते थे
कि
अंततः
अन्ततः
उसने उन्हें
क्षमा कर दिया !
</poem>
अनिल जनविजय
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