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"मेरा हृदय / अरुणा राय" के अवतरणों में अंतर
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धड़कनों को अपनी। | धड़कनों को अपनी। | ||
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23:03, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
उसकी निगाहें
उसके चेहरे पर खिची
स्मित-मुस्कान
उसकी चंचलता
मुझे
स्थिर कर रही थी
मेरी आँखें
झुकी जा रही थीं
और मेरा हृदय
खोल रहा था
ख़ुद को...
मेरी चुप्पी
बज रही थी
उसके भीतर
जिसके शोर में
ढूंढ रहा था वह
धड़कनों को अपनी।