भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आस फले / कविता भट्ट" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
 
{{KKCatKavita}}
 
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
+
1
'''इक बार चले आओ'''
+
इक बार चले आओ
'''तुमसे लिपटूँगी'''
+
तुमसे लिपटूँगी
'''अब आस फले आओ'''
+
अब आस फले आओ
 
+
(11-2-19)
<poem>
+
2
 +
खुशबू बनकर रहना
 +
मन के आँगन में
 +
वासंती -सा बहना।
 +
3
 +
जब से तुम आए हो
 +
जीवन है बगिया
 +
माली -से भाए हो।
 +
</poem>

10:47, 31 जुलाई 2020 के समय का अवतरण

1
इक बार चले आओ
तुमसे लिपटूँगी
अब आस फले आओ
(11-2-19)
2
खुशबू बनकर रहना
मन के आँगन में
वासंती -सा बहना।
3
जब से तुम आए हो
जीवन है बगिया
माली -से भाए हो।