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"प्रतिकार / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

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रामदेव बाबा बच गेला तूँ
 
रामदेव बाबा बच गेला तूँ
बनल अभी न´् गोली हइ।
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बनल अभी नञ् गोली हइ
 
पता तो तोहरा चल गेलइ होत
 
पता तो तोहरा चल गेलइ होत
दिल्ली के अजबे बोली हइ।।
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दिल्ली के अजबे बोली हइ
 
जोग करइते पड़ गेली अब
 
जोग करइते पड़ गेली अब
दाव-पेंच से पाला।
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दाव-पेंच से पाला
 
बन संन्यासी खोलइ ले
 
बन संन्यासी खोलइ ले
चलला हल राज घोटाला।
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चलला हल राज घोटाला
तोहरा कि मालूम हलो न´्,
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तोहरा कि मालूम हलो नञ्
बैठल चोरवन के टोली हइ।। रामदेव बाबा ....
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बैठल चोरवन के टोली हइ
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रामदेव बाबा ....
 
एयरपोर्ट पर बात मानके
 
एयरपोर्ट पर बात मानके
हो जइता हल मालामाल।
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हो जइता हल मालामाल
 
भर जइतो हल तोर खजाना
 
भर जइतो हल तोर खजाना
कहलइता हल नमकहलाल।
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कहलइता हल नमकहलाल
 
जन्ने-जन्ने तूँ देखता हल
 
जन्ने-जन्ने तूँ देखता हल
ओन्ने-ओन्ने होली हइ।। रामदेव बाबा ....
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ओन्ने-ओन्ने होली हइ
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रामदेव बाबा ....
 
आधी रात में सुतला पर
 
आधी रात में सुतला पर
ऊ जुलमी डंडा बरसइलक।
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ऊ जुलमी डंडा बरसइलक
 
बूढ़ा, बूढ़ी आउ बच्चन पर
 
बूढ़ा, बूढ़ी आउ बच्चन पर
बेखौफ कहर ऊ बरपइलक।
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बेखौफ कहर ऊ बरपइलक
 
देख लेला होत आँख से अप्पन
 
देख लेला होत आँख से अप्पन
सत्ता कते छिछोली हइ।। रामदेव बाबा...
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सत्ता कते छिछोली हइ
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रामदेव बाबा...
 
जलियाँवाला बाग के घटना
 
जलियाँवाला बाग के घटना
ताजा हो गेल आँख में।
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ताजा हो गेल आँख में
 
दिन में मारलक हल अंगरेजवन
 
दिन में मारलक हल अंगरेजवन
ई त मारलक रात में।
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ई त मारलक रात में
 
इनसानन के गरम-खून
 
इनसानन के गरम-खून
ओकरा ले बस रंगोली हइ।। रामदेव बाबा ...
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ओकरा ले बस रंगोली हइ
अपने न´् घबराथिन बाबा
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रामदेव बाबा ...
वीर के साथ ई होबऽ हइ।
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अपने नञ् घबराथिन बाबा
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वीर के साथ ई होबऽ हइ
 
देखला पर ई ओछी हरकत
 
देखला पर ई ओछी हरकत
इतिहास कभी भी रोबऽ हइ।
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इतिहास कभी भी रोबऽ हइ
 
बतलाबइ पड़तो तोहरा ई
 
बतलाबइ पड़तो तोहरा ई
सब न´् हँसी-ठिठोली हइ।। रामदेव बाबा ...
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सब न´् हँसी-ठिठोली हइ
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रामदेव बाबा ...
 
फिर से बाबा एक बेरी
 
फिर से बाबा एक बेरी
हुंकार तोरा भरे पड़तो।
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हुंकार तोरा भरे पड़तो
 
काँटा पर चलके तोहरा
 
काँटा पर चलके तोहरा
प्रतिकार फेर करे पड़तो।
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प्रतिकार फेर करे पड़तो
 
मरन-जिअन तो धूप-छाँह के
 
मरन-जिअन तो धूप-छाँह के
जइसन आँख-मिचोली हइ।। रामदेव बाबा ....
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जइसन आँख-मिचोली हइ
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रामदेव बाबा ....
 
तोहरा जइसन जन-नायक
 
तोहरा जइसन जन-नायक
सैलाब के लेले आवऽ हइ।
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सैलाब के लेले आवऽ हइ
 
लाबइ या न लाबइ कुच्छज्ञे
 
लाबइ या न लाबइ कुच्छज्ञे
इंकलाब के लाबऽ हइ।
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इंकलाब के लाबऽ हइ
 
हम्मर तोहरा साथ हइ ऐसन
 
हम्मर तोहरा साथ हइ ऐसन
जइसन दामन-चोली हइ।। रामदेव बाबा ....
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जइसन दामन-चोली हइ
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रामदेव बाबा ....
 
तोहरा तइसन पीरबाबा
 
तोहरा तइसन पीरबाबा
दुखियारिन के पीड़ हरऽ हइ।
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दुखियारिन के पीड़ हरऽ हइ
 
खोंटा-पिपरी सन अततायी
 
खोंटा-पिपरी सन अततायी
छटपट करके सदा मरऽ हइ।
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छटपट करके सदा मरऽ हइ
 
ऊ कि देतइ तोहरा जेक्कर
 
ऊ कि देतइ तोहरा जेक्कर
खाली अपने झोली हइ।। रामदेव बाबा ...
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खाली अपने झोली हइ
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अन्ना से पहिले मिलयो हल
 
अन्ना से पहिले मिलयो हल
राम के बनके तूँ अवतार।
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राम के बनके तूँ अवतार
 
कालाधन के पता लगाबइ ले
 
कालाधन के पता लगाबइ ले
भेजलक तोहरा करतार।
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भेजलक तोहरा करतार
 
धीरज रखिहा जुलमी के अब
 
धीरज रखिहा जुलमी के अब
उठ्ठेवाला डोली हइ।। रामदेव बाबा ...
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उठ्ठेवाला डोली हइ
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बड़ी सहलिअइ अब न सहबइ
 
बड़ी सहलिअइ अब न सहबइ
अब तो बगावत करबइ।
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अब तो बगावत करबइ
 
अप्पन हक ले ई दुनियाँ में
 
अप्पन हक ले ई दुनियाँ में
हम तो कयामत करबइ।
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हम तो कयामत करबइ
 
ओकरा संदेसा भेजवा दऽ
 
ओकरा संदेसा भेजवा दऽ
मउत हमर हमजोली हइ।। रामदेव बाबा ...
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मउत हमर हमजोली हइ
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रामदेव बाबा ...
 
तोहरा जइसन जन-नायक
 
तोहरा जइसन जन-नायक
इंकलाब के लेले आबऽ हइ।
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कुच्छो लाबइ या ना लाबइ
 
कुच्छो लाबइ या ना लाबइ
सैलाब के लेले आवऽ हइ।।
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सैलाब के लेले आवऽ हइ
 
बड़ी सहलिअइ अबन सहबइ
 
बड़ी सहलिअइ अबन सहबइ
अब तो कयामत करबइ।
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अब तो कयामत करबइ
 
अप्पन हक ले ई दुनियाँ में
 
अप्पन हक ले ई दुनियाँ में
हम तो बगावत करबइ।। रामदेव बाबा ....
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हम तो बगावत करबइ
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रामदेव बाबा ....
  
  
 
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13:27, 13 मार्च 2019 के समय का अवतरण

रामदेव बाबा बच गेला तूँ
बनल अभी नञ् गोली हइ
पता तो तोहरा चल गेलइ होत
दिल्ली के अजबे बोली हइ
जोग करइते पड़ गेली अब
दाव-पेंच से पाला
बन संन्यासी खोलइ ले
चलला हल राज घोटाला
तोहरा कि मालूम हलो नञ्
बैठल चोरवन के टोली हइ
रामदेव बाबा ....
एयरपोर्ट पर बात मानके
हो जइता हल मालामाल
भर जइतो हल तोर खजाना
कहलइता हल नमकहलाल
जन्ने-जन्ने तूँ देखता हल
ओन्ने-ओन्ने होली हइ
रामदेव बाबा ....
आधी रात में सुतला पर
ऊ जुलमी डंडा बरसइलक
बूढ़ा, बूढ़ी आउ बच्चन पर
बेखौफ कहर ऊ बरपइलक
देख लेला होत आँख से अप्पन
सत्ता कते छिछोली हइ
रामदेव बाबा...
जलियाँवाला बाग के घटना
ताजा हो गेल आँख में
दिन में मारलक हल अंगरेजवन
ई त मारलक रात में
इनसानन के गरम-खून
ओकरा ले बस रंगोली हइ
रामदेव बाबा ...
अपने नञ् घबराथिन बाबा
वीर के साथ ई होबऽ हइ
देखला पर ई ओछी हरकत
इतिहास कभी भी रोबऽ हइ
बतलाबइ पड़तो तोहरा ई
सब न´् हँसी-ठिठोली हइ
रामदेव बाबा ...
फिर से बाबा एक बेरी
हुंकार तोरा भरे पड़तो
काँटा पर चलके तोहरा
प्रतिकार फेर करे पड़तो
मरन-जिअन तो धूप-छाँह के
जइसन आँख-मिचोली हइ
रामदेव बाबा ....
तोहरा जइसन जन-नायक
सैलाब के लेले आवऽ हइ
लाबइ या न लाबइ कुच्छज्ञे
इंकलाब के लाबऽ हइ
हम्मर तोहरा साथ हइ ऐसन
जइसन दामन-चोली हइ
रामदेव बाबा ....
तोहरा तइसन पीरबाबा
दुखियारिन के पीड़ हरऽ हइ
खोंटा-पिपरी सन अततायी
छटपट करके सदा मरऽ हइ
ऊ कि देतइ तोहरा जेक्कर
खाली अपने झोली हइ
रामदेव बाबा ...
अन्ना से पहिले मिलयो हल
राम के बनके तूँ अवतार
कालाधन के पता लगाबइ ले
भेजलक तोहरा करतार
धीरज रखिहा जुलमी के अब
उठ्ठेवाला डोली हइ
रामदेव बाबा ...
बड़ी सहलिअइ अब न सहबइ
अब तो बगावत करबइ
अप्पन हक ले ई दुनियाँ में
हम तो कयामत करबइ
ओकरा संदेसा भेजवा दऽ
मउत हमर हमजोली हइ
रामदेव बाबा ...
तोहरा जइसन जन-नायक
इंकलाब के लेले आबऽ हइ
कुच्छो लाबइ या ना लाबइ
सैलाब के लेले आवऽ हइ
बड़ी सहलिअइ अबन सहबइ
अब तो कयामत करबइ
अप्पन हक ले ई दुनियाँ में
हम तो बगावत करबइ
रामदेव बाबा ....